Wednesday 3 August 2011

खाकी हुई शर्मसार






वर्दी हुई शर्मसार
    दिनभर की थकान के बाद रात को चैन की नींद लेते हैं, और सुबह की भोर के साथ अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हैं क्‍योकि हमें मालूम हैं कि रातभर जहॉ हम चैन की नींद लेते रहते हैं वहीं एक खाकी वर्दी वाला रातभर पहरे में लगा रहता हैं, जिस प्रकार देश की सीमा में जवानों की तैनाती रहती हैं और पूरा मुल्‍क सकून से रहता हैं ।
   आज के वातावरण में जहॉ चोरी,लूट,हत्‍या और अपहरण जैसी घटनाओं का होना आम बात हैं, एेसा नही है कि ये घटनाऍ नही होती लेकिन अन्‍य प्रदेशों के अलावा छत्‍तीसगढ् राज्‍य में यह घटनाऍ नही के बराबर हैं । और शायद इसलिये  हमें अपने प्रदेश  के पुलिस पर बहुत विश्‍वास हैं ।
    लेकिन उस समय हमारे विश्‍वास को ठेस पहॅुची है जब हमें रास्‍ते में कोई खाकी वर्दीवाला नशे की हालत में वर्दी पहने हुए कीचड में पडा दिखता हैं, विभाग में ऐसे लोगों की भी कमी नही हैं जो खाकी के मायनों को नही पहचानते और वर्दी पहने हुए ही बियरबार, ताश के बावन पत्‍तो और ऐसे जगहों पर जहां समाज और कानून की नजरो में बुराईयां प्रदर्शित होती हैं ।
     एेसा ही वाक्‍या हमें नए बस स्‍टैन्‍ड में देखने मिला जब दोपहर के तीन बजे एक निश्चित स्‍थान पर कोतूहल का विषय बना हुआ था । भीड् को देखकर सहसा हम भी भीड् में घुस गये देखा तो नजारा कुछ इस प्रकार था कि एक पुलिस कर्मी खाकी वर्दी को पहने नशे की हालत में गोबर और किचड् से सना हुआ नाली के पास पड्ा हुआ था, जिसे हमने उठाया और पुछा कि इस स्थिति में कैसे, उसका जवाब अपने उच्‍च अधिकारियों को कोसते हुए मन चाहे जगहों पर अपना स्‍थानांतरण नही होना । यह बात समझ से परे है कि विभाग में नौकरी के लिये जाते समय ही सारी बातों का खुला सा हो जाता हैं कि इस विभाग में नौकरी हासिल होते ही आप की पोस्‍टिंग कही भी की जा सकती हैं जिससे नकारा नही जा सकता । और इस विभाग का मतलब ही हैं कि देश सेवा फिर इंसान इस सेवा से क्‍यो दुर भागता हैं । क्‍यों अपनी मनपंसद जगहों में जाने के लिये आतुर रहता हैं । इस व्‍यक्ति ने अपने स्‍थानांतरण को लेकर अपने उच्‍च अधिकारी पर यह आरोप लगाया कि मैं बहुत गरीब आदिवासी हॅू मेरी नेताओं से पहचान नही हैं इसलिये मेरा स्‍थानांतरण नही हो पाया । सच मानों तो इस विभाग में राजनिति ने जकड् रखा हैं। यदि आपके पास पैसा और एपरोच हैं तो आप मनचाही जगहों पर बने रह सकते हो । इस सिस्‍टम में सुधार की बहुत ज्‍यादा आवश्‍यकता हैं । जहां एक तरफ प्रदेश के जवान नक्‍सल समस्‍या से जुझ रहे हैं वहीं दुसरी तरफ एक जवान शराब के नशे में वर्दी को शर्मसार करते दिखता हैं ।      

1 comment:

  1. ऐसे ही चंद पुलिस वालों के कारण पूरा महकमा बदनाम होता है.....
    नक्‍सल इलाकों में जाकर अपनी जान लडा देने वाले पुलिस वालों के बीच ऐसे पुलिस वाले दिख जाएं तो शर्मनाक है....
    अच्‍छी प्रस्‍तुति।

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